“चीन सीमा” पर 65 मीटर लंबा स्टील गार्डर पुल बनकर तैयार

Uttarakhand News

(देहरादून)13अक्टूबर,2024.

उत्तरकाशी जिले में बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन) की ओर से भारत-चीन सीमा पर स्थित नेलांग घाटी में नवनिर्मित 65 मीटर लंबे डबल लेन स्टील गार्डर पुल कारछा-1 सेतु को देश का समर्पित किया गया। पुल भैरों घाटी और नेलांग के बीच जाड़ गंगा की सहायक नदी पर बनाया गया है, जो कि सामरिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।

नेलांग घाटी में बीआरओ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने सीमा को जोड़ने वाली भैरोघाटी-नेलांग सड़क पर बने नए स्टील गार्डर पुल का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सड़क सहित संचार जैसी सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है। साथ ही वाइब्रेंट विलेज जैसी महत्वकांक्षी योजना से खाली हो चुके गांव अब आबाद होने लगे हैं।

बीआरओ की ओर से सीमाओं तक अच्छी सड़कें और पक्के पुलों का निर्माण कर सेना की आवाजाही के लिए सुगम मार्ग तैयार कर रही है। बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि कारछा-1 सेतु का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। क्षेत्र में छह माह बर्फ होने के कारण निर्माण कार्यों में परेशानी हुई, लेकिन इन सब मुसीबतों को पार कर बीआरओ ने करीब 6.5 करोड़ की लागत से यह डबल लेन स्टील गार्डर पुल तैयार किया है।

पुल उद्घाटन के बाद इस पर वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी है। वहीं सेना सहित वाइब्रेंट विलेज जादूंग और नेलांग की कनेक्टीविटी के लिए भी सुगम मार्ग बन गया है। श्रीवास्तव ने बताया कि सीमा पर आवाजाही को दुरुस्त करने के लिए अन्य पुलों का निर्माण कार्य भी जारी है(साभार एजेंसी)

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