(नई दिल्ली)13दिसंबर,2025.
केंद्र सरकार ने मखाना के विकास के लिए एक नई योजना को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2025-26 से 2030-31 की अवधि के लिए लागू इस योजना पर 476.03 करोड़ रुपये का कुल परिव्यय किया जाएगा। कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की के अनुसार, यह योजना मखाना क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार, उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, किसानों की क्षमता निर्माण, कटाई और कटाई-पश्चात प्रक्रियाओं में सुधार, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग और विपणन, निर्यात प्रोत्साहन व गुणवत्ता नियंत्रण पर केंद्रित होगी।
मखाना की उत्पादकता और गुणवत्ता सुधार का उद्देश्य:
सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से मखाना उत्पादन की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार करना, किसानों की आय बढ़ाना और घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय मखाना को मजबूत पहचान दिलाना है।
बजट आवंटन को मिली मंजूरी:
राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बोर्ड बैठक 12 दिसंबर को कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कृषि व किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की। इस दौरान बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू किया गया। कृषि मंत्रालय के अनुसार, बैठक में राज्यों और शोध संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्ययोजनाओं की समीक्षा की गई और समग्र क्षेत्रीय विकास से जुड़े विभिन्न घटकों के लिए बजट आवंटन को मंजूरी दी गई।
पारंपरिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में मखाना की खेती को बढ़ाने पर जोर
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि वर्तमान और अगले वर्ष के लिए राज्यों की बीज आवश्यकताओं को समेकित किया जाए, ताकि उन्हें बिहार के सबौर स्थित राज्य कृषि विश्वविद्यालय (SAU) और समस्तीपुर स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सके।
इसके अलावा, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार और एनआरसी मखाना, दरभंगा विभिन्न राज्यों से आने वाले ट्रेनर्स को मखाना वैल्यू चेन की नवीनतम तकनीकों पर प्रशिक्षण देंगे। इसका उद्देश्य पारंपरिक और गैर-पारंपरिक दोनों क्षेत्रों में मखाना की खेती को बढ़ावा देना है।
बोर्ड ने खेती और प्रसंस्करण से जुड़ी नई तकनीकों पर अनुसंधान व विकास, ग्रेडिंग, सुखाने, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए बुनियादी ढांचे, आधुनिक खेती पद्धतियों को बढ़ावा, मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, बाजार से जुड़ाव और निर्यात के लिए तैयारियों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मंत्रालय ने बयान में कहा कि यह बुनियादी बैठक देशभर में मखाना क्षेत्र के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-उन्मुख विकास का रोडमैप तय करती है।
केंद्रीय बजट में हुआ था मखाना बोर्ड का गठन:
बता दें कि केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा को पूरा करते हुए सरकार ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड का गठन किया था। इसका औपचारिक शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2025 को बिहार में किया था, जिसे भारत के मखाना क्षेत्र को मजबूत और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है(साभार एजेंसी)
