मुख्यमंत्री धामी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के वीर सैनिकों को किया नमन

Uttarakhand News

(देहरादून)30मई,2025.

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गढ़ीकैंट स्थित दून सैनिक इंस्टीट्यूट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर आयोजित एक संवाद: वीर सैनिकों के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए विशेष ट्रेनिंग सेंटर बनाए जाने की घोषणा करते हुए कहा कि सैनिक कल्याण विभाग इसके लिए जल्द कार्यवाही करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सैनिकों ने जो शौर्य, त्याग और समर्पण की अद्वितीय मिसाल पेश की, वह देश की आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकियों के कायरतापूर्ण हमले के जवाब में, 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 बड़े आतंकी अड्डों को तबाह किया गया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफल कार्रवाई प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व और स्पष्ट नीति का परिणाम है। उनके नेतृत्व में न केवल सेना का मनोबल बढ़ा है, बल्कि सेना को अत्याधुनिक तकनीक और हथियारों से भी सुसज्जित किया गया है। अब भारत की सेनाएं दुश्मन की गोली का जवाब गोलों से देती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के फैसलों से देश के दुश्मनों की रीढ़ टूट चुकी है। पहलगाम हमले के बाद सरकार ने तुरंत फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया और पाकिस्तान के साथ सभी व्यापारिक रास्ते बंद कर दिए, क्योंकि ट्रेड और टेरर एक साथ नहीं चल सकते।

मुख्यमंत्री ने सैनिकों के हित में राज्य सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि शहीदों के आश्रितों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है। वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त व वार्षिक सहायता राशि में भी वृद्धि की गई है। बलिदानियों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की आवेदन अवधि को 2 से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया है। सैनिकों और पूर्व सैनिकों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जा रही है। साथ ही, 25 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीद पर स्टांप ड्यूटी में 25% छूट दी जा रही है। देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में भव्य सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है।

सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है और हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। उन्होंने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अब तक राज्य के हजारों सैनिक देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान दे चुके हैं। भारतीय सेना ने हर युद्ध में पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है, और अब भारत आतंक के गढ़ में घुसकर उसका खात्मा करना जानता है।

कार्यक्रम में सैनिक कल्याण सचिव श्री दीपेन्द्र चौधरी, स्टेशन कमांडर आर.एस. थापा, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर (से.नि.) अमृत लाल, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर (से.नि.) जे.एन.एस. बिष्ट सहित सेना के कई उच्चाधिकारी, पूर्व सैनिक और संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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