(देहरादून)19मई,2025.
उत्तराखंड में युवाओं को साहसिक खेलों की गतिविधियों का अभ्यास कराकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद अब प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर युवा पैराग्लाइडर्स को टेंडम पायलट बनने का एक सुनहरा मौका दे रहा है. इसके लिए 100 घंटे का फ्लाइंग टाइम होना चाहिए. जिसके बाद वो लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकेगा।
टिहरी में सिखाई जा रही पैराग्लाइडिंग की बारीकियां: दरअसल, टिहरी के कोटी कॉलोनी में 10 दिवसीय पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण शिविर चल रहा है. जिसमें पैराग्लाइडर्स अनुभवी प्रशिक्षकों के साथ पैराग्लाइडिंग की बारीकियों को सीख रहे हैं. महाराष्ट्र से आए मुख्य प्रशिक्षक तानाजी ताकवे की अध्यक्षता में यह प्रशिक्षण शिविर किया जा रहा है. प्रशिक्षण शिविर में महाराष्ट्र के अक्षय कोंद्रा और बागेश्वर के हिमांशु राज धोकटी अनुभवी प्रशिक्षक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण में पैराग्लाइडर:
“प्रशिक्षण शिविर में टिहरी जिले से 5, देहरादून से 1, उत्तरकाशी से 2, बागेश्वर और भीमताल से 1-1 युवा पैराग्लाइडर का चयन हुआ, जिन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सभी पैराग्लाइडर्स को प्रशिक्षण के दौरान कुठा फ्लाइंग प्वाइंट और प्रताप नगर प्वाइंट से फ्लाई करवाया जा रहा है. जिसमें पैराग्लाइडिंग लैंडिंग, टेक ऑफ और हवा के वेरिएशन की जानकारी दी जा रही है. साथ ही उन्हें टेंडम पायलट के तौर पर तैयार किया जा रहा है.”- हिमांशु, पैराग्लाइडर ट्रेनर
क्या बोले प्रशिक्षु?
उत्तरकाशी से चयनित प्रशिक्षु पृथ्वी राज ने बताया कि उन्होंने पिछले साल पैराग्लाइडिंग का कोर्स किया था. जहां उन्होंने बेसिक जानकारियां हासिल की थी. अब इस प्रशिक्षण सत्र से वो फ्लाइंग आवर्स और अपनी स्किल्स को एडवेंचरस तौर पर विकसित करेंगे. साथ ही एक अच्छे टेंडम पायलट के तौर पर लाइसेंस हासिल कर अपना रोजगार स्थापित करेंगे। पृथ्वी ने बताया कि उत्तराखंड टूरिज्म युवाओं को फुल सपोर्ट कर रहा है।साथ ही ऐसे मौके दे रहा है, जिससे युवा अपना रोजगार खुद स्थापित कर सकता है।
ऐसे मिलता है पैराग्लाइडर उड़ाने का लाइसेंस:
पैराग्लाइडर पायलट का लाइसेंस अप्लाई करने के लिए भी यह शिविर काफी उपयोगी साबित हो रहा है। अनुभवी प्रशिक्षक हिमांशु की मानें तो एक पैराग्लाइडर पायलट बनने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है। पहले चरण में पैराग्लाइडर का एयरटाइम और फ्लाइंग टाइम 100 घंटे पूरा होना चाहिए। दूसरे चरण में आपके पास सिमुलेशन इन फ्लाइट (SIV) का सर्टिफिकेट होना चाहिए।
तीसरे चरण में आपको क्रॉस कंट्री यानी हवा में कम से कम 35 किलोमीटर का ट्रायंगल बनाना बहुत जरूरी है। इन सभी चरणों को पूरा करने के बाद पैराग्लाइडर पायलट के लिए अपना लाइसेंस अप्लाई कर सकते हैं। अगर आप सभी चरणों को पूरा करते हैं तो आपको पैराग्लाइडिंग का लाइसेंस आसानी से मिल जाएगा।
क्या होता है टेंडम पायलट?: पैराग्लाइडिंग टेंडम पायलट एक प्रशिक्षित और प्रमाणित पायलट होता है, जो पैराग्लाइडिंग के दौरान एक यात्री को अपने साथ उड़ान पर ले जाता है।टेंडम पैराग्लाइडिंग में दो लोग एक साथ उड़ते हैं, जिसमें पायलट और यात्री शामिल होते हैं।
पैराग्लाइडर को पायलट नियंत्रित करता है, जिसमें टेक ऑफ, फ्लाइंग और लैंडिंग शामिल हैं।जबकि, यात्री केवल उसके साथ बैठकर हवा में उड़ने का आनंद लेता है।विशेष प्रशिक्षण, अनुभव और लाइसेंस टेंडम पायलट के पास होता है, जो पर्यटकों को पहाड़ों के ऊपर हवा में रोमांच से भरे उड़ान का खास अनुभव कराता है( साभार एजेंसी)