उत्तराखंड के चार जिलों में विज्ञान केंद्र बनाने के लिए मिली जमीन

Uttarakhand News

(ऊधमसिंह नगर)03मई,2025.

विज्ञान के रहस्यों को सरल भाषा में समझाने के लिए उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) की ओर से हर जिले में विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। यूकोस्ट को चार जिलों में जमीनें मिलने के बाद विज्ञान केंद्र के लिए डीपीआर बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। ऊधमसिंह नगर में भी जिला प्रशासन ने जमीन चिन्ह्ति कर सूचना यूकोस्ट को भेजी है।

यूकोस्ट का देहरादून के अलावा अल्मोड़ा में मानसखंड विज्ञान केंद्र है। विज्ञान के प्रति दिलचस्पी रखने वालों और विज्ञान के प्रति समझ आसान बनाने के मकसद से यूकोस्ट की ओर से हर जिले में विज्ञान केंद्र बनाने की कसरत की जा रही है। यूकोस्ट ने शासन के जरिए हर जिले से विज्ञान केंद्र के लिए जमीन की मांग की थी। इसके तहत नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और टिहरी से यूकोस्ट को जमीन मिल चुकी है। विज्ञान केंद्रों की डीपीआर बनाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है।

यूकोस्ट वैज्ञानिकों के अनुसार विज्ञान केंद्रों में विज्ञान संबंधी प्रदर्शनी, गैलरी, एआई लैब, इनावेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही लैक्चर थिएटर होगा, जिसमें वैज्ञानिक और विशेषज्ञ बच्चों को विज्ञान के बारे में विभिन्न जानकारियां देंगे। यहां फन साइंस पार्क भी होगा। विज्ञान संबंधी मॉडल भी रखे जाएंगे।

रुद्रपुर के लंबाखेड़ा में चिन्ह्ति की गई है जमीनविज्ञान के रहस्यों को सरल भाषा में समझाने के लिए उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट) की ओर से हर जिले में विज्ञान केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। यूकोस्ट को चार जिलों में जमीनें मिलने के बाद विज्ञान केंद्र के लिए डीपीआर बनाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। ऊधमसिंह नगर में भी जिला प्रशासन ने जमीन चिन्ह्ति कर सूचना यूकोस्ट को भेजी है।

यूकोस्ट का देहरादून के अलावा अल्मोड़ा में मानसखंड विज्ञान केंद्र है। विज्ञान के प्रति दिलचस्पी रखने वालों और विज्ञान के प्रति समझ आसान बनाने के मकसद से यूकोस्ट की ओर से हर जिले में विज्ञान केंद्र बनाने की कसरत की जा रही है। यूकोस्ट ने शासन के जरिए हर जिले से विज्ञान केंद्र के लिए जमीन की मांग की थी। इसके तहत नैनीताल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और टिहरी से यूकोस्ट को जमीन मिल चुकी है। विज्ञान केंद्रों की डीपीआर बनाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई है।

यूकोस्ट वैज्ञानिकों के अनुसार विज्ञान केंद्रों में विज्ञान संबंधी प्रदर्शनी, गैलरी, एआई लैब, इनावेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही लैक्चर थिएटर होगा, जिसमें वैज्ञानिक और विशेषज्ञ बच्चों को विज्ञान के बारे में विभिन्न जानकारियां देंगे। यहां फन साइंस पार्क भी होगा। विज्ञान संबंधी मॉडल भी रखे जाएंगे।

      शासन के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारियों से विज्ञान केंद्र के लिए जमीन की मांग की गई थी। चार जिलों में यह हस्तांतरित हो चुकी है। शासन ने पेयजल निर्माण निगम को एजेंसी नामित किया है। नामित एजेंसी की डीपीआर बनाएगी और शासन से बजट मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। शासन से डीपीआर बनाने के लिए बजट की आवश्यकता की जानकारी शासन को दी गई है। - डॉ. पीयूष जोशी, इंचार्ज, विज्ञान केंद्र, यूकोस्ट

दून की तर्ज पर बनेगा तारामंडल
डॉ. पीयूष जोशी ने बताया कि विज्ञान केंद्रों में तारामंडल का प्रावधान नहीं है। लेकिन भविष्य में देहादून की तरह बैलून में तारामंडल विज्ञान केंद्रों में बनाएंगे। केंद्रों में विज्ञान के बारे में हर तरह की जानकारी मिलेगी।

रुद्रपुर के लंबाखेड़ा में चिन्ह्ति की गई है जमीन

जिला प्रशासन ने विज्ञान केंद्र के लिए रुद्रपुर के लंबाखेड़ा गांव में 1.1700 हेक्टेयर जमीन चिन्ह्ति की है। डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि पहले काशीपुर में विज्ञान केंद्र प्रस्तावित किया गया था। लेकिन रामनगर में विज्ञान केंद्र खुल रहा है। यूकोस्ट के अनुरोध पर रुद्रपुर में जमीन को चिन्ह्ति कर यूकोस्ट को सूचित कर दिया गया है। अब जमीन को ट्रांसफर करने की कार्यवाही की जाएगी।(साभार एजेंसी)

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